हैलो दोस्तो मैं आपका एक बार आपका पुनः स्वागत करता हूं आज के लेखन के माध्यम में आपको प्राइवेट कॉलेज के अंदर चल रही कार्यों के बारे बताना चाहता हूं जैसा की आप सभी जानते हो कुछ समय बाद ही सभी बच्चे 12 पास करके आपने भविष्य को सुरक्षित करने हेतु विभिन्न कोलेजो में एडमिशन लगे।अगर बात की जाए तो आज के समय सभी कॉलेज अपनी पहचान किसी न किसी माध्यम से बड़ाने मैं लगे हुवे है जितनी जायादा पब्लिसिटी उतने जायदा एडमिशन।
अगर बात एडमिशन की कि जाए तो आज के समय में 90% कॉलेजों ने बच्चों का एडमिशन कराने हेतु अपने एजेंट रखे हुए हैं जिन्हें दलाल कहना अनुचित न होगा उनका कार्य बस इतना होता है कॉलेज में बच्चों को लाना हर बच पर उनका कमीशन तय होता है उदाहरण के लिए यदि यदि किसी कॉलेज की पहले सेमेस्टर की फीस 35000रुपए है तो प्रत्येक एडमिशन में होगा 2% है न जाने इसी तरह कितने एडमिशन हो जाते हैं।
अगर अब हम किसी भी कॉलेज की प्रोग्राम पॉलिसी देखें तो हमें 90% कॉलेज ऐसे मिलेंगे जिसमें आपका बच्चा कोई भी कोर्स करता है उसकी बैक आना तय है आप मान लीजिए अगर कोई बच्चा bca,bse,या ba 1 सेमेस्टर में 100 बच्चों एडमिशन लिया कॉलेज को पॉलिसी के अंतर्गत 100 मैं से 20 बच्चों की बेक आना तय है बाकी के 80 बच्चे क्लियर पास हो जाते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि जिन बच्चों की बेक आई है वो पढ़ते नहीं है ये तो पैसे कमाने एक बहुत आसान जरिया है आप मान के चलो यदि किसी बच्चे की एक विषय में बेक आ जाए तो उसी विषय में बेक पेपर देने में आप कम से कम 4000रुपए भी मन के चलो तो 4000*20=80000k अगर इसी हिसाब से देखा जाए तो पहले ही साल में प्राइवेट कॉलेज करोड़ों रुपए का मुनाफा कर लेते हैं उसके बाद बच्चो को 2nd 3,और 4 सेमेस्टर में क्लियर पास कर दिया जाता है और 2,3,4 सेमेस्टर की फीस भी अलग होती है ये मेने अभी बस एक विषय की बात की है जितने ज्यादा बच्चे उतना अच्छा मुनाफा ।
अब यदि हम प्राइवेट कॉलेज के होस्टल की बात करते है तो कम से कम एक बच्चे का एक साल का होस्टल का किराया 60के तक चला जाता है जो एडमिशन से बिल्कुल अलग होता है यदि इसी हिसाब से देखा जाए तो 60*4=2,40000 एक बच्चे से मिलते हैं अगर एडमिशन के स्तर पर देखा जाए तो 100 मैसेज 5% से 10% बच्चे हॉस्टल में ही रहते हैं जो बाहर से पढ़ने आते हैं इसी हिसाब से देखा जाए तो प्राइवेट कॉलेज पहले साल में ही करोड़ों रुपए कमा लेते हैं ।
अगर अब सुविधाओं की बात की जाए तो जिस हिसाब से बच्चो के माता पिता अपने बच्चों के भविष्य संवारने के लिए इतना खर्चा करते हैं उस हिसाब से कई प्राइवेट कॉलेज में तो बच्चो को उतनी सुविधा उपलब्ध नहीं होती।
अगर में अपनी इस लेखन का मतलब निकलु तो मेरा बस आपसे यही कहना है कि आप अपने बच्चों को किसी भी कॉलेज में पढ़ाए लेकिन उस कॉलेज के बारे मैं पूरी जानकारी जरूर लें क्योंकि आज के समय में बहुत से कॉलेज ने पढ़ाई को बस व्यापार बना दिया है
Sundar
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