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मनुष्य जीवन (human life)

वैसे तो हमारे मनुष्य जीवन में बहुत सारे उतार चढ़ाव आते हैं परंतु हमारे ज़ीवन में बहुत सारी बाते ऐसी हो जाती हैं जिनकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते और चाहा कर भी नहीं भूला सकते समय के साथ सब  कुछ इतना जल्दी हो जाता हैं की हम खुद उस बात से हेरान होकर बस इसी सोच में पड़ जाते हैं की ये सब कुछ कर के हमने क्या पाया और क्या खोया परंतु चाहकर भी हमे उन बातो के हमे जवाब नहीं मिल पाते जिस कारण से ये सब हुवा हैं और आगे क्या होगा ?









अगर इसी बात को मध्य नज़र रख कर हम यदि अपने इस अमूल्य जीवन के 4 या 5 साल निकाले या जिस समय आपके साथ कोई भी बात हो तो आप सोयेम विचार कीजिए तब आप क्या थे और अब आप क्या हो यदि आप इसी चीज को ध्यान से पढ़ोगे तो आपकी जिंदगी में जमीन आसमान का फर्क होगा पहले आप कहां थे और अब आप कहेंगे हो ?














चाहें आपके साथ कुछ भी हुवा हो या गलती भले ही आपकी ना रही हो उसकी कोई भी वजह क्यू ना हो आप यही सोचोगे की अपने क्या खोया और क्या पाया 







वैसे तो हमारे मनुष्य जीवन में खोने के लिए बहुत कुछ है जिनको खोने के बाद कुछ समय बाद मनुष्य अपनी जीवन यापन सही पारकर से कर पता है परंतु कभी कभी मनुष्य अपने जीवन की ऐसी खाश चीज को खो देता है जिसे वो चाहकर भी नहीं पा सकता यदि बात की जाए किसी भी आदमी के खोने की  तो कई बार वो अपनी एक गलती की वजह से अपना घर परिवार तक को खो देता है । जो वह चाहकर भी नहीं पा सकता ।








अगर यही बात किसी लड़की पर लागू की जाए तो जिस चीज को वो को चुकी है ये बस वही जानती हैं चाहें इसमें उसका मायिका हो या फिर ससुराल वैसे तो लड़कियों का जीवन वैसे ही परेशानियों से भरा रहता हैं परंतु कुछ परेशानियों का कारण वो सोयम बनती है अपनी एक छोटी सी गलती के कारण वो अपना घर परिवार सब खो बठती हैं भले ही उसके घर वाले हमेशा उसका साथ दे परंतु किसी भी नारी का घर उसका ससुराल होता है ना माइका। ये बात उसको तब समझ में आती हैं जब उसका साथ देने वाला कोई नहीं होता।

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