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हमारा मनुष्य जीवन (our human life)

 यूं तो कहने हमारा जीवन बहुत छोटा है सा है परंतु कई बार हमारे इस जीवन में ऐसे उतार चढ़ाव आते जिससे परेशान होकर दुनिया में कोई न व्यक्ति आपने इस अमूल्य जीवन को समाप्त करना चाहता है क्योंकि कई बार हमारे जीवन में परेशानियां इतनी बढ़ जाती है की हम उन परेशानियों का सामना करने के बजाय अपने जीवन को समाप्त करना ही उचित समझते हैं बहुत कम लोग ही इन परेशानियों से लड़कर अपना जीवन सामान्य रूप से चला पाते हैं ।








वैसे तो आज के समय में सबका अपना जीवन ही और सब उसको अपने हिसाब से जीना चाहते हैं कोई भी व्यक्ति यहां नहीं चाहता की उनके जीवन में कोई भी दखल करें और सबके जीवन को समस्या भी अलग अलग होती हैं परंतु आज में आपको हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और जीवन जीने के लिए अत्यंत आवश्यक शादी के बारे मैं चर्चा करना चाहता हूं।





हमारे भारत देश में शादी को अलग अलग संप्रदाय में अलग अलग नमो से जाना जाता है परंतु आज के समय में हमारे समाज ने इस रिश्ते को मजाक बनाकर रख दिया है शादी एक हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो पति पत्नी के विश्वास पर चलता है परंतु आज के समय में हमारा वही जीवन भर का रिश्ता कुछ गलत फैमियो की वजह से पल भी में ही टूट जाता है चाहे वह गलत फेमी किसी भी बात को वजह से हुवि हो पर में मानता हूं की गलती हमेशा आदमी की हो ये संभव नहीं है कुछ गलतियां औरत से भी होती हैं अपनी बात को सही साबित करने के लिए पत्नी अपने पतियों से लड़कर अपने घर चली जाती है जिसके कारण बाद में उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है चाहें बात कोई भी हो परंतु उनके मां बाप का फर्ज़ उनको समझने का है परंतु कुछ मां बाप इसका उल्टा करते हैं जिस के कारण घर की बात कोर्ट कचहरी तक पहुंच जाती है अगर वास्तविकता देखी जाए तो कचहरी में भी पहले तीन चरणों तक पति पत्नी को समझाया जाता है ताकि वह साथ रहे सकें परंतु यदि उस समय भी वहा दोनो नही मानते तो केस कोर्ट मैं चला जाता है जहां पर  ज्यादातर यही परिणाम सामने आता है कुछ सालो बाद दोनो मैं समझौता हो जाता है इ परंतु इस सब में जितना पैसा और समय बर्बाद होता है इसका कोई हिसाब नहीं है।







आप सभी को यह भी  ज्ञात है ज्यादातर  मामलों में कोर्ट महिलाओं की ही सुनता है चाहें वह कितनी भी गलत क्यूं ना हो इसी बात का फायदा उठा कर कई बार पत्नी अपने पति पर मारपीट देहेज कई प्रकार के कैसे दर्ज करवा देती हैं जिसके कारण पति और उसके परिवार को जेल भुगतनी पड़ती हैं और जब सच सामने आता है उस समय बहुत देर हो जाती हैं कुछ पत्नियां आपने घर वालो के कहने पर अपने पति के खिलाफ ऐसे केस दर्ज करवा देती है परंतु वह ये बात भूल जाती है की मां बाप भी उसके कब तक रहेंगे दूसरी शादी करना भी आज के समय में आसान नहीं है अगर कोर्ट केस के बाद उनका तलाक हो जाए तो वहां कहा की रह जाएंगी या आगे क्या करेगी रही बात बच्चो की यह भी जरूरी नहीं है की तलाक के बाद बच्चे उसी के साथ रहें कभी कभी हमेशा के लिए पति के पास भी रहते हैं ना जाने आज के समय ऐसे ही कितने केस कोर्ट मैं भरे पड़े हैं जिसका इतने सालो तक कोई भी समाधान नहीं हुआ है। 



मेरे कहने का तात्पर्य आपसे यहीं है यदि पति पत्नी के बीच आपस मैं कोई भी मतभेद होता है तो उसे आपस मैं और परिवार वालों के साथ मिलकर सुलझाए कोर्ट मैं जाने का कोई भी मतलब नहीं बनता ।


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