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नेकी कर दरिया में डाल


 भाइयोंं   बहनों में आज आपसे एक ऐसे विषय पर बात करना चाहता हूं जिसको सुनकर और समझ कर आप भी जरूर एक बार विचार करेंगे कि हमें ऐसा करना चाहिए या नहीं।



आज तक हमने अपने जीवन में सभी की मदद की है चाहे वह आर्थिक हो शारीरिक परंतु मैं आज आप सबको यह बात कहना चाहता हूं कि आप सब कुछ करना पर अपने जीवन में किसी की मदद कभी मत करना आज का समय ऐसा है की हम जिन लोग की उनकी जरूरत पर मदद करते हैं वो आपको सिर्फ अपनी जरूरत पर ही याद रखते हैं चाहे जो भी हो चाहे आपके इसमें रिश्तेदार  भी ना हो।




 आज का समय परिवर्तनशील समय के हिसाब से ही हर मनुष्य अपनी आदतें और अपना व्यवहार भूल जाता है कि किसने मेरी जरूरत के समय में मदद की थी और वह अपने ही आप में निरंतर चलता रहता है।




चाहे आप उसके लिए कुछ भी कर दो वो कभी भी आपकी जरूरत के समय मदद नहीं करेगा मैं सभी के लिए ऐसी बात नहीं बोल यह मैं उन की बात कर रहा हूं जो आपको बस जरूरत के समय याद करते हैं चाहे वो कोई भी हो।






अगर फिर भी आप उन सभी की मदद करते हैं तो आपको मैं बस एक ही बात कहूंगा नेकी कर दरिया में डाल।



और उसके बाद कभी भी आप यह उम्मीद मत रखना कि आपका जरूरत पर कोई साथ देगा बस अपने कंधों पर विश्वास रखो और किसी से भी यह उम्मीद मत रखना कि वह जरूरत में आपके काम आएगा।



अगर हम किसी की मदद करते हैं तो इंसानियत के नाते करते हैं बस अपने अंदर इंसानियत जिंदा रखो और उस काम को भूल जाओ तभी मैंने इसका नाम नेकी कर दरिया में डाल लिखा है

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