आप लोगों ने अपने जीवन में बहुत पुराणों को देखे होंगे चाहे वहां रामायण हो या महाभारत सभी राजाओं ने अपने राज्य के विस्तार हेतु अपनी सेना का उपयोग किया ओर सेना ने हमेशा अपने राज का साथ दिया चाहे राजा गलत था या सही।
परंतु मेरा प्रश्न आपसे यह है क्या कोई भी राजा या राजनेता अपनी जरूरत के मुताबिक हमारी सेना का इस्तेमाल करता है तथा इससे जो हमारी सेना को नुकसान होता है तथा जो हमारे सैनिक घायल होते हैं या मरते हैं इनमें उनका क्या कसूर होता है?
मैं इस बात से इंकार नहीं करता कि प्रत्येक सेनिक का तथा हमारे देश के सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वह अपने देश की उन्नति में हमेशा सहायक रहै।
परन्तु हर बार हर कार्य हेतु हमारी सेना का उपयोग करना तथा युद्ध में हमारे भारतीय सैनिकों का मरना कहां तक उचित है ?
आज तक हमारे भारत देश में जितने भी आक्रमण हुए हैं चाहे वह पुराने हो या 1999 तक के उसमें हमारी सेना की भूमिका अपने आप में ही बहुत महत्व है हमारी सेना हर मुश्किल को सबसे पहले अपने ऊपर लेती है ताकि हमारे देश तथा उस राजा देशवासियों की रक्षा हो सके जिसके अंतर्गत वह कार्य कर रही है।
हमने अपने कॉलेज की सैनी विज्ञान की किताबों में पढ़ा है कि यदि आप शांति चाहते हो तो युद्ध को समझो क्योंकि शांति तभी कायम रह सकती है जब आपको युद्ध के बारे में पूरी जानकारी हो। क्योंकि युद्ध शांति का आधार है।
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