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 आज मैं आपको कुछ आवश्यक बातों से अवगत कराना चाहुंगा जैसा कि आप देख ही रहे हैं कोरोनावायरस निरंतर कम  होता जा रहा है और हमारी सरकार धीरे धीरे बाजार की सभी गतिविधियां खोलने में लगी हुई है जो दुकानें पहले 1 दिन खुलती थी वहीं  दुकाने अब सप्ताह में 3 दिन खुल रही है। ओर बजाय मैं निरंतर भीड़ बनी हुई है। और पूरा व्यापारी संघ दुकानों को खोलने के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है।



उनका सरकार पर दबाव बनाना भी उचित है क्योंकि यदि हमारी सरकार सप्ताह में 3 दिन दुकान खोलेगी बाजार में भीड़ लगना तो लगातार बनी ही रहेगी यदि सामान्य तौर पर खुलेगी तो बाजार में जनता भी उसी हिसाब से आएगी तथा कोरोनावायरस का खतरा भी कम रहेगा। ओर दुकानों के निरंतर खुलने से आम आदमी का जीवन भी सही तरह से चलेगा



क्योंकि निरंतर गति से कार्य चलने से बाजारों में भीड़ कम रहेगी और करोना वायरस का खतरा भी कम रहेगा।






और अब हम बात करते हैं बाजार खुलने से सबसे ज्यादा  गरीब वर्ग के लोगों का लाभ होगा जो कि छोटा-मोटा कार्य करके अपना वा अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। ओर जो दुकानों में कार्यरत हैं तथा।




क्योंकि उनके रोजगार का साधन इसके अलावा और कोई साधन नहीं है तथा अब धिरे धिरे सभी सभी कार्यालय भी खोल देने चाहिए। ताकि सभी कार्य सुचारू रूप से चल सके।




बाजार ना खोलने का मुख्य कारण यह है कि हमारी उत्तराखंड सरकार अपने आप पर जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती वह यह सोचती है कि अगर उन्होंने बाजार खोल दिया तो बाजार में दोबारा भीड़ बढ़ेगी और करोना वायरस के केस दुबारा बढ़ने लगेंगे। परंतु हमारी सरकार उन व्यक्तियों में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है जिनका दुकानों से ही रोजगार है तथा उनके परिवार का पेट उसे कार्य से भरता है। सरकार का यह सोचना भी उचित है परंतु जब तक आम आदमी कार्य नहीं करेगा तो और उसका परिवार क्या खाएगा चाहे उसमें जो भी हो।




सरकार यह जो भी कार्य कर रही है जनता की भलाई के लिए करती हैं परंतु जब आम आदमी परेशान रहेगा तो क्या आपको लगता है कि  अगली बार चुनाव में वही पार्टी रहे पायेगी जो अभी है क्योंकि अगले साल चुनाव है तो उसी हिसाब से हमारी सरकार को कार्य करना चाहिए।




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