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प्रेम व प्रेम की परिभाषा



 दोस्तों हम सभी इस जिंदगी में कभी ना कभी किसी ना किसी से प्रेम करते हैं कई लोग प्रेम में सफल हो जाते हैं तो कुछ असफल।




प्रेम की परिभाषा कुछ लोगों के लिए एक दूसरे को सम्मान देना एक दूसरे को प्यार करना है तथा एक दूसरे का ख्याल रखना उसकी छोटी-छोटी बात को अहमियत देना ही उनके लिए प्रेम है अपने साथी को जो अच्छा लगता है वह कार्य करना होता है उनके लिए वही प्रेम है।




कुछ लोग ऐसे हैं जिनके लिए सिर्फ शारीरिक सुख ही प्रेम का रूप है वहां सिर्फ शारीरिक आकर्षण को ही प्रेम मानते व समझते हैं।



ऐसे लोग जो शारीरिक सुख को ही प्रेम मानते हैं उनको तो वेश्याओं से प्रेम हो गया होगा तो वहां वेश्याओं के लिए क्यों नहीं कुछ करते उनको अपनी जिंदगी में क्यों नहीं लाते जबकि उनको तो  शारीरिक सुख ही प्रेम होता है




यह सब निरर्थक बातें है जिनका कोई आधार नहीं है

यह तो हो गई प्रेम की कुछ प्रमुख परिभाषा परंतु क्या आप सच में किसी से प्रेम करते हैं या नहीं करते इस बारे में आप निर्णय कैसे लेते हैं कहीं ना कहीं जिससे आप प्रेम करते हैं आप उससे कुछ अपेक्षा करते हैं जिस प्रेम में अपेक्षा हो वहां क्या प्रेम है या जिस प्रेम में किसी का आदर हो वह प्रेम नहीं हो सकता जहां अपेक्षाएं हो वहां प्रेम कैसा।







किसी स्त्री या पुरुष के लिए जो हमारे मन में प्रेम जागृत होता है वहां कहीं ना कहीं किसी न किसी अपेक्षा की पूर्ति हेतु होता है परंतु क्या आपने कभी विचार किया है सच्चा प्रेम आप किसे और क्यों करते हैं या आप से कौन सच्चा प्रेम करता है कौन सच्चा प्रेम करता है???



इसका उत्तर के कई लोगों के पास होगा और कई लोगों के पास नहीं होगा और इसका उत्तर है माता-पिता का प्रेम माता पिता अपने बच्चों से इतना प्यार करते हैं कि वाह हर दुख तकलीफ सहकर उनको खुशी देना चाहते हैं अब आप में से कुछ लोग कहेंगे कि नहीं माता-पिता को भी हमसे लालच होता है कि हम बुढ़ापे में उनकी सेवा सुश्रुषा करेंगे कहीं हद तक यह सही है परंतु प्रत्येक स्थिति में आप इसे सही नहीं कह सकते कई बच्चे ऐसे होते हैं जो अपने मां-बाप के लिए कुछ नहीं करते उनसे मारपीट कर देते हैं उन्हें घर से निकाल देते हैं फिर भी मां-बाप उनके लिए कभी भी अपशब्द नहीं कहते और ना ही उनके लिए भगवान से अपेक्षा करते हैं कि उनको दंड मिले उनकी करनी का फल उन्हें मिले तो हमें चाहिए की  सिर्फ किसी स्त्री या पुरुष से प्रेम कर रहे हैं तो करें परंतु जिन्होंने अपना सारा जीवन आप और आप की खुशियों के लिए निछावर कर दिया उनका सम्मान करें तथा उन्हें वह आदर व सम्मान दें जिसके वह हकदार है धन्यवाद



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