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कोविड-19 संक्रमण और इसके लिए कौन जिम्मेदार???

 दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं आजकल को भी संक्रमण के मामले दिन पर दिन बढ़ने में लगे हुए हैं तथा इसके कारण कई लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है इन लोगों में विशेषकर मध्यम वर्गीय परिवार है जिनका जीवन यापन इस कोरोनावायरस दौर में बहुत कठिन हो गया है।


मध्यम वर्गीय परिवार जोकि बड़ी मुश्किल से अपना व अपने परिवार का पेट भरते हैं उनके लिए यह कोविड-19 वायरस एक अभिशाप की तरह सिद्ध हुआ है जो कि ना सिर्फ उनको आर्थिक रूप से कष्ट पहुंचा रहा है परंतु मानसिक रूप से भी वह बहुत कष्ट झेल रहे हैं हर जगह क्रोध व भय का माहौल है कोई नहीं जानता किस समय क्या किया जाए और क्या नहीं।



एक समय ऐसा था जब मनुष्य किसी के दुख में शामिल हो जाया करते थे मेलजोल बढ़ाते थे परंतु आज के दौर में मनुष्य ही मनुष्य से दूरी बना रहा है और मनुष्यता तो ना जाने कहां लुप्त हो गई है।





आपने समाचार पत्रों में न्यूज़ में यह पढ़ा और सुना ही होगा कि कई लोग इस समय भी अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि कोई मर रहा है या जो वहां कार्य कर रहे हैं उसका क्या परिणाम किसी बीमार व्यक्ति पर इतना और कैसा होगा।



कई लोग रेमडीसीवर दवा को मनमाने रेट में बेच रहे हैं तो कई लोग नकली दवाइयां बनाने में लगे हैं उन्हें से कोई मतलब नहीं है कि इन दवाइयों से किसी का भला होगा या नहीं उन्हें बस अपने लाभ की चिंता है।



यह तो बात हो गई संक्रमण की तथा संक्रमण में भी लालच करते हुए व्यक्तियों की अब बात कर लेते हैं सरकार की जिसका परम कर्तव्य भारत के नागरिकों के जीवन की रक्षा करना है जब भारत में यह महामारी शुरू हुई थी तो उस समय सरकार ने लॉकडाउन लगाया तथा कोरोनावायरस के प्रति व्यापक प्रचार व प्रसार किया जोकि बहुत ही न्याय उचित था परंतु अब जो सरकार कर रही है वह मेरे विचार में ठीक नहीं है।




जब घर में आग लगी हो तो मनुष्य अपने घर की आग बुझाता है ना की दूसरे के घर को बचाने का प्रयास करता है मेरे इस कथन से आप समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं अगर नहीं समझे तो फिर भी मैं बताता हूं कोरोनावायरस की वैक्सीन आने के बाद सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया जो निर्णय बिल्कुल ठीक था परंतु इसके बाद सरकार ने अपना राजनीतिक लाभ पाने के लिए कई देशों में वैक्सीन की सप्लाई की जो कि बिल्कुल भी ठीक नहीं था।




क्या ऐसा नहीं हो सकता था की सरकार पहले भारत वासियों को ही वैक्सीन की डोस लगते भारत में टीकाकरण पूर्ण होने के पश्चात अन्य देशों को वैक्सीन मुहैया करवाने मैं कुछ गलत नहीं था परंतु सरकार के द्वारा अन्य देशों में वैक्सीन पहुंचाई गई तथा भारत में टीकाकरण संपूर्ण नहीं किया गया जिससे आज फिर वही स्थिति उभर आई है जोकि कोविड-19 संक्रमण के पहले दौर में उभर कर आई थी।



आज तो हालात पहले से भी बदतर हो गए हैं जब सरकार को पता था की कोई ना  कोविड-19 संक्रमण एक लहर आने के पश्चात दूसरी लहर भी आती है ?


 तो सरकार द्वारा पहले से ही इसके लिए इंतजाम क्यों नहीं किया गया क्या सरकार को सरकार चलाने वाले बुद्धिजीवी इस बात से अनभिज्ञ से कि कोरोना हमारे देश में दोबारा फैल सकता है अब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा तथा इससे जो नुकसान होगा उसकी भरपाई कैसे और कौन करेगा???


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