धर्म कई प्रकार का हो सकता है यह निर्भर आप पर करता है कि धर्म को किस प्रकार से समझते हैं जो लोग धर्म को व्यवसाय बना लेते हैं उनसे अक्सर आपका सामना होता ही रहता है ।
ओर आप बिना यह सोचे कि वह व्यक्ति धर्म कर रहा है या धर्म की आड़ में अपना उल्लू सीधा कर रहा है मैं इसको एक उदाहरण के माध्यम से आपको समझाता हूं।
शनिवार के दिन आपने देखा होगा कई लोग भगवान के नाम पर एक डब्बा ले लेते हैं और सबसे भिक्षा मांगने लग जाते हैं और हम भी बिना यह सोचे कि वहां इस कार्य को क्यों कर रहा है बड़े श्रद्धा भाव से उसको पैसे या फिर भेंट दे देते हैं ।
परंतु वास्तविकता में वह इस धन का क्या करेगा यह नहीं सोचते क्या हुआ धन का प्रयोग किसी अच्छे कार्य के लिए करेगा या फिर अपना स्वार्थ सिद्ध करेगा चाहे वह उसे व्यसन करें या फिर अपने हिसाब से उसे खर्च करें
मैं यह नहीं कहता किया आप धर्म से विमुख हो जाए बस इतना चाहता हूं की आप धर्म कार्य तो करें परंतु मनुष्यता के धर्म का अनुसरण करें उस व्यक्ति की मदद करें जो वास्तविकता में बहुत मजबूर है क्योंकि मनुष्यता है सबसे बड़ा धर्म है।
निर्णय अबआपको लेना है कि आप धर्म के कुछ व्यक्तियों द्वारा हो रहे आडंबर मैं उनका साथ देंगे या फिर किसी गरीब व्यक्ति कि मदद करेंगे।हमारे देश में बेरोजगारी काफी अधिक है जिसके हमारे देश में गरीब वर्ग ज्यादा है जिन्हें 2 बार का खाना भी नही मिलता अगर आपको दान करना ही है तो उन गरीबों के लिए करें।
That is great
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