कई बार हमारा हृदय करुणा से भर जाता है कि उस व्यक्ति की दशा कितनी दयनीय है और हम जो भी हम से बनता है चाहे वह धन हो या फिर अन्य सामान हम उसकी मदद को आगे आते हैं वह उसकी मदद करते हैं।
परंतु क्या कभी आपने विचार किया है की इस प्रकार की व्यक्ति यह कार्य क्यों करते हैं।
आपको क्या लगता है ?
क्या उनको सरकार द्वारा कुछ भी प्राप्त नहीं होता या सरकार उनके लिए गंभीर नहीं है इस बारे में स्वयं का एक अनुभव आपके सामने रखना चाहता हूं।
एक बार मैं किसी कार्य हेतु हरिद्वार गया हुआ था तो मैंने देखा की वहां पर कई लोग बीमार हैं जिनके हाथ खराब है जिनसे चला नहीं जा रहा है या जिनका पैर खराब हो रहे हैं वह लोग वहां पर भिक्षा मांग रहे हैं और लोग उनकी इस दयनीय स्थिति को देखकर उन्हें भीक्षा दे रहे हैं जब मैंने उनसे यह कहां की सरकार द्वारा यहां पर चिकित्सालय खोले गए हैं जहां पर उनका निशुल्क इलाज हो सकता है तो उन्होंने अपना इलाज करवाने से इंकार कर दिया वस्तुतः वह यह जानते हैं की यदि उनका उपचार हो गया तो उनको कोई भिक्षा नहीं देगा।
इसलिए वह जानबूझकर अपना इलाज नहीं करवाते उन्हें पता है अगर वह ठीक हो जाएंगे तो उन्हें कोई और कार्य करना पड़ेगा।
भिक्षावृत्ति में कोई परिश्रम नहीं करना पड़ता जिससे उनका गुजारा आसानी से चल जाता है तो वह परिश्रम क्यों करें जब उन्हें बिना परिश्रम के जीवन मैं सब कुछ प्राप्त हो रहा है।
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