मनुष्य जब भी बात करता है तो वह अपने जीवन साथी बड़ा सोच समझ कर चुनता है तथा उसके साथ ही अपने जीवन की हर खुशी व गमों मैं उसका साथ चाहता है ।
परंतु आज के समाज में कई दांपत्य आपने देखे होंगे जोकि अपने वैवाहिक जीवन को ठीक तरीके से नहीं निभा पा रहे हैं। इसके वैसे तो कई कारण होते हैं परंतु जो एक कारण मुझे सबसे ज्यादा विवादों के लिए लगता है वह है पर पुरुष या दूसरी स्त्री के लिए आकर्षण सब यहां सोच है की यह आकर्षण हमें सुख व शांति देता है और संभोग करने के उपरांत हमें खुशी मिलती है परंतु क्या यहां वास्तविकता है?
मेरे विचार में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि उस समय हम सिर्फ क्षणिक सुख की प्राप्ति के लिए अपने रिश्ते को दांव पर लगाते हैं हम यह सोचते हैं की यह हमारे लिए उचित है परंतु उस आकर्षण या उस संभोग क्रिया के उपरांत जब हमारे जीवनसाथी को उसके बारे में पता चलेगा तो क्या होगा क्या हुआ हमसे रिश्ता रखना चाहेगा ?
क्या हमारे साथ जो रिश्ते में हमारे पुत्र पुत्रियां हैं उनका भाग्य हम खराब नहीं कर रहे हैं सिर्फ अपने छोटी सी कामना के लिए किसी के जीवन को दांव पर लगा देना कहां तक सही है स्वयं विचार करें और निर्णय ले।
जो हमारे लिए अपना सब कुछ छोड़कर आती है उसका ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।
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