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हमारा देश भारत ओर उसमें बढ़ता भ्रष्टाचार।

आज आज के समय में हर दूसरा आदमी भ्रष्टाचार से पीड़ित है चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या गैर सरकारी हर किसी को भ्रष्टाचार से बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।



 वास्तव में भ्रष्टाचार होता क्या है इसको आप इस प्रकार समझ सकते हैं कोई भी कार्य या कोई भी ऐसा कार्य करना जो आपका हक हो परंतु उसके लिए सामने वाला व्यक्ति आपसे यह अपेक्षा करे की आप उसको अपने हक या उसके कर्तव्य के लिए भी उसको धन दें। 



 उदाहरण के लिए आप यहां मानने की आपको पेंशन मिलनी हैं परंतु कर्मचारियों द्वारा आप की पेंशन लगवाने के लिए भी आपको परेशान किया जा रहा है यदि आप उस कर्मचारी को जो आप की पेंशन लगवाने का कार्य करने के लिए ही बैठा है उसको ही पैसा देना पड़ेगा जिसकी बदौलत उसका घर चल रहा है यह सरकार सेवा सैलरी ले रहा है ।



क्या उसका आप से धन मांगना उचित है ऐसा नहीं है कि वह कभी इस भ्रष्टाचार से पीड़ित नही था जब वह बेरोजगार था तो यह सोचता था कि इस भ्रष्टाचार को किस प्रकार खत्म किया जाए क्योंकि इसी भ्रष्टाचार के कारण कई बार उसको नौकरी नहीं मिली होगी ।


परंतु जब वह खुद अपने बलबूते पर नौकरी पर लगा उसके बाद वह सब भूल गया क्योंकि उसको अपना लाभ ही नजर आने लगा यही सबसे बड़ी समस्या है कि इंसान अपना समय भूल जाता है परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेता है और अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।

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