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वफादारी की परिभाषा

 अगर हमें हमारे मनुष्य जीवन में कुत्तों से कुछ सीखने की जरूरत है तो वो है वफादारी उनके मन में हमारे प्रति ना कोई छल है, ना कोई शक और ना ही कभी हमे धोखा देने की लालसा उनके पास हमे देने के लिए बस प्यार और वफादारी हैं। जिसका आज के समय मैं हर मनुष्य मैं होना बहुत जरूरी है इसी बात को देखते हुए आज मैं बहुत ही जरूरी बात आपको अपने ब्लॉग के जरिए बताना चाहता हूं। जो आगे चलकर आपके जीवन में बहुत काम आएगा अगर आप समझ गए तो सही नहीं तो हमारा जीवन बरबाद होने से हमे भगवान भी नहीं बचा सकता।







वफादारी जिसकी शायद आज के समय मैं हम इंशानो को बहुत जरूरत है और वह हम मैं दूर दूर तक कही नहीं है चाहें आप आज के समय में किसी भी रिश्ते में ही देख लो आज के समय मैं हर किसी ना किसी का कोई पास्ट (भूतकाल ) जरूर है जिसमें चाहें लड़का हो या लड़की उसने बहुत से कर्म किए हैं जो आने वाले समय मैं शादी के बाद अपना व अपने होने वाले परिवार का जीवन पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं।

समय के साथ साथ उन्हें व उनके परिवार को पता चल जाता हैं कि वह क्या थी या क्या था। उसके बाद लगातार लड़ाई होने के कारण आखरी फैसला तलाक़ ही बचता है क्योंकि हमारे वर्तमान के कर्म हमारे भविष्य को निर्धारित करते हैं यहां सदा सत्य हैं झूठ पर बनाया गया रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिकता हकीकत सबको पता चल ही जाती हैं।






अगर अब बात की जाए तलाक़ की तो ये जो समय चल रहा है जिसका मैने अभी वर्णन किया ये सभी कार्य हर लड़की लड़के के कर्मों पर निर्भर करता हैं हमारे दादी दादा, माता पिता के समय मैं इन सभी बातों का जिक्र तक नहीं होता था और ना ही इन सब चीजों के बारे में पता था और ना ही कभी ये सब सुनने को मिला परंतु आज के समय मैं संचार माध्यम के कारण ये स्थिति उत्पन्न कर दी है जिसके कारण हमारे किए गए कर्मों का फल हमें इसी दुनिया मैं भोगना पड़ता हैं।

आपका भविष्य आपके हाथ (Your future is in your hands)

हैलो दोस्तो मैं आपका एक बार आपका पुनः स्वागत करता हूं आज के लेखन के माध्यम में आपको प्राइवेट कॉलेज के अंदर चल रही कार्यों के बारे बताना चाहता हूं जैसा की आप सभी जानते हो कुछ समय बाद ही सभी बच्चे 12 पास करके आपने भविष्य को सुरक्षित करने हेतु विभिन्न कोलेजो में एडमिशन लगे।अगर बात की जाए तो आज के समय सभी कॉलेज अपनी पहचान किसी न किसी माध्यम से बड़ाने मैं लगे हुवे है जितनी जायादा पब्लिसिटी उतने जायदा एडमिशन।








अगर बात एडमिशन की कि जाए तो आज के समय में 90% कॉलेजों ने बच्चों का एडमिशन कराने हेतु अपने एजेंट रखे हुए हैं जिन्हें दलाल कहना अनुचित न होगा उनका कार्य बस इतना होता है कॉलेज में बच्चों को लाना हर बच पर उनका कमीशन तय होता है उदाहरण के लिए यदि यदि किसी कॉलेज की पहले सेमेस्टर की फीस 35000रुपए  है तो प्रत्येक एडमिशन में होगा 2% है न जाने इसी तरह कितने एडमिशन हो जाते हैं।



अगर अब हम किसी भी कॉलेज की प्रोग्राम पॉलिसी देखें तो हमें 90% कॉलेज ऐसे मिलेंगे जिसमें आपका बच्चा कोई भी कोर्स करता है उसकी बैक आना  तय है आप  मान लीजिए अगर कोई बच्चा bca,bse,या ba 1 सेमेस्टर में 100 बच्चों एडमिशन लिया कॉलेज को पॉलिसी के अंतर्गत 100 मैं से 20 बच्चों की बेक आना तय है बाकी के 80 बच्चे क्लियर पास हो जाते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि जिन बच्चों की बेक आई है वो पढ़ते नहीं है ये तो पैसे कमाने एक बहुत आसान जरिया है आप मान के चलो यदि किसी बच्चे की एक विषय में बेक आ जाए तो उसी विषय में बेक पेपर देने में आप कम से कम 4000रुपए भी मन के चलो तो 4000*20=80000k अगर इसी हिसाब से देखा जाए तो पहले ही साल में प्राइवेट कॉलेज करोड़ों रुपए का मुनाफा कर लेते हैं उसके बाद बच्चो को 2nd 3,और 4 सेमेस्टर में क्लियर पास कर दिया जाता है और 2,3,4 सेमेस्टर की फीस भी अलग होती है ये मेने अभी बस एक विषय की बात की है जितने ज्यादा बच्चे उतना अच्छा मुनाफा ।



अब यदि हम प्राइवेट कॉलेज के होस्टल की बात करते है तो कम से कम एक बच्चे का एक साल का होस्टल का किराया 60के तक चला जाता है जो एडमिशन से बिल्कुल अलग होता है यदि इसी हिसाब से देखा जाए तो 60*4=2,40000 एक बच्चे से मिलते हैं अगर एडमिशन के स्तर पर देखा जाए तो 100 मैसेज 5% से 10% बच्चे हॉस्टल में ही रहते हैं जो बाहर से पढ़ने आते हैं इसी हिसाब से देखा जाए तो प्राइवेट कॉलेज पहले साल में ही करोड़ों रुपए कमा लेते हैं । 


अगर अब सुविधाओं की बात की जाए तो जिस हिसाब से बच्चो के माता पिता अपने बच्चों के भविष्य संवारने के लिए इतना खर्चा करते हैं उस हिसाब से कई प्राइवेट कॉलेज में तो बच्चो को उतनी सुविधा उपलब्ध नहीं होती।

अगर में अपनी इस लेखन का मतलब निकलु तो मेरा बस आपसे यही कहना है कि आप अपने बच्चों को किसी भी कॉलेज में पढ़ाए लेकिन उस कॉलेज के बारे मैं पूरी जानकारी जरूर लें क्योंकि आज के समय में बहुत से कॉलेज ने पढ़ाई को बस व्यापार बना दिया है

हर चीज़ वजह (reason for something)

हम अपने जीवन में जो भी कार्य करते है उसकी कोई ना कोई वजह ज़रूर होती आज के समय में इस संसार में जो भी कार्य हो रहा है या होने वाला है उस काम की होने की कोई न कोई ख़ास वजह ज़रूर  हैं बस हम उस वजह को जानना चाहते हैं जिसकी वजह से यह सब कुछ हुवा हमारे जीवन में  जो भी होता है अच्छे के लिए होता है यही हमारे मनुष्य जीवन की नियति है जिसको कोई भी नहीं बदल सकता  ।









किसी का हमारे जीवन में आना जाना सब सब कुछ हमारी नियति में पहले से ही निर्धारित होता है पर जो कुछ भी हो रहा है उसमें हम अपनी किस्मत को दोष देते हैं परंतु किस्मत हमारी खराब नहीं होती कुछ हमारे कार्य भी होते हैं जिसकी वजह से हम वो सब कुछ नही पा पाते जिसके हम हकदार होते हैं और दोष हम हमेशा अपनी किस्मत को देते हैं मेरी किस्मत ही खराब थी।



अगर बात की जाए तो किसमत उनकी भी होती है जिनके हाथ नही होते क्या वो सब अपना जीवन यापन नही करते बहुत से लोगो का कहना है की उसने मुझे धोका दिया है या किसी कार्य को करने में हमारा इतना नुकसान हुआ है ये सभी हमारी नियति पर निर्भर करता है अगले ही पल हमारे साथ क्या होने वाला है ये कोई नहीं जानता सब समय के ऊपर निर्भर है समय कब बदल जाए कुछ बोल नहीं सकते समय अपने आप में ही महान हैं।







विनाश काले विपरीत बुद्धि बहुत से कार्य हम लोग ऐसे कर जाते हैं जिनकी वजह से हम सोयम ही अपने आप को गलत रास्ते पर डाल  देते हैं या कुछ घटनाओं के कारण हमको ये समझ में नहीं आता हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत है बिना सोचे समझे हम उस कार्य को कर देते हैं पर हमारे यह कार्य करने के पीछे कोई ना कोई वजह ज़रूर होती हैं क्या पता हमारी नियति हमे कहा ले जाए।





मनुष्य जीवन (human life)

वैसे तो हमारे मनुष्य जीवन में बहुत सारे उतार चढ़ाव आते हैं परंतु हमारे ज़ीवन में बहुत सारी बाते ऐसी हो जाती हैं जिनकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते और चाहा कर भी नहीं भूला सकते समय के साथ सब  कुछ इतना जल्दी हो जाता हैं की हम खुद उस बात से हेरान होकर बस इसी सोच में पड़ जाते हैं की ये सब कुछ कर के हमने क्या पाया और क्या खोया परंतु चाहकर भी हमे उन बातो के हमे जवाब नहीं मिल पाते जिस कारण से ये सब हुवा हैं और आगे क्या होगा ?









अगर इसी बात को मध्य नज़र रख कर हम यदि अपने इस अमूल्य जीवन के 4 या 5 साल निकाले या जिस समय आपके साथ कोई भी बात हो तो आप सोयेम विचार कीजिए तब आप क्या थे और अब आप क्या हो यदि आप इसी चीज को ध्यान से पढ़ोगे तो आपकी जिंदगी में जमीन आसमान का फर्क होगा पहले आप कहां थे और अब आप कहेंगे हो ?














चाहें आपके साथ कुछ भी हुवा हो या गलती भले ही आपकी ना रही हो उसकी कोई भी वजह क्यू ना हो आप यही सोचोगे की अपने क्या खोया और क्या पाया 







वैसे तो हमारे मनुष्य जीवन में खोने के लिए बहुत कुछ है जिनको खोने के बाद कुछ समय बाद मनुष्य अपनी जीवन यापन सही पारकर से कर पता है परंतु कभी कभी मनुष्य अपने जीवन की ऐसी खाश चीज को खो देता है जिसे वो चाहकर भी नहीं पा सकता यदि बात की जाए किसी भी आदमी के खोने की  तो कई बार वो अपनी एक गलती की वजह से अपना घर परिवार तक को खो देता है । जो वह चाहकर भी नहीं पा सकता ।








अगर यही बात किसी लड़की पर लागू की जाए तो जिस चीज को वो को चुकी है ये बस वही जानती हैं चाहें इसमें उसका मायिका हो या फिर ससुराल वैसे तो लड़कियों का जीवन वैसे ही परेशानियों से भरा रहता हैं परंतु कुछ परेशानियों का कारण वो सोयम बनती है अपनी एक छोटी सी गलती के कारण वो अपना घर परिवार सब खो बठती हैं भले ही उसके घर वाले हमेशा उसका साथ दे परंतु किसी भी नारी का घर उसका ससुराल होता है ना माइका। ये बात उसको तब समझ में आती हैं जब उसका साथ देने वाला कोई नहीं होता।

भारतीय कानून व्यवस्था (Indian legal system)


हमारे भारत देश की कानून व्यवस्था पूरे भारतवर्ष में लगभग एक जैसी है जिसका आज के समय में लड़कियों ने इसका बहूत जायदा गलत फायदा उठा रखा है हमारे संविधान से जायदा अधिकार मिलने के कारण संविधान बस नाम का रह गया है इसमें लेखन में आपको बहुत सारी ऐसी बातों का पता चलने वाला है जो सायद आपको नहीं पता परंतु आपको इस बारे मैं पता होना बहुत जरुरी है।




 



नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके सामने एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बात करना चाहता हूं बहुत ही ध्यान से पड़ना आप खास तौर पर मेरे इस ब्लॉग को लिखने का कारण हमारे उन सभी भाइयों से है जो प्यार में धोका खा चुके है और अपने जीवन से परेशान हैं। उनको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारा पुलिस प्रशासन हमेशा हमारे साथ है और हमेशा हमारा साथ देगा अगर आप गलत नहीं है तो अगर गलती आपकी है तो वह भी आपका साथ नहीं दे सकते।









अगर आज के समय में हमारे भारत देश की कानून व्यवस्था देखी जाए तो उसमें लड़कियों का प्राथमिक स्थान है आज के समय में लड़की कुछ भी बोले उनके लिए सबसे पहले सुनवाही होती हे चाहें वह कितनी भी गलत क्यों ना हो आज के समय में हमारी कानून व्यवस्था ने महिलाओ को इतने आधिकार दे दिए हैं जिनका वो बहुत जायदा गलत फ़ायदा उठा रही हैं अगर देखा जाए तो यदि कोई भी लड़की किसी भी लड़के के ऊपर कोई भी संगीन आरोप लगाती है तो हमारी पुलिस बिना कुछ सोचे समझे लड़के को गलत मान लेती हैं बल्कि आज के समय बिना लड़की की मर्ज़ी के कुछ नही हो सकता।



अगर आज के समय में कोई भी लड़की तीन चार साल की लड़के के साथ रिलेशन शिप में रहने के बाद उस पर रेप का आरोप लगाती हैं बल्कि जो कुछ भी हुवा दोनों की मर्जी से हुवा है सेक्स के लिए दोनो ही सेहमत थे इस बात पर फिर लड़के को ही जेल क्यों गलती दोनो की है दोनो को जेल में डालना चाहिए ।




 बात की जाए किसी भी लड़की की पार्शनल वीडियो वरीरल होने की बात  अगर कानून व्यवस्था में पार्श नल वीडियो वायरल करना गैर कानूनी है तो पार्श नल वीडियो बना के लड़की को देना भी गैर कानूनी होना चाहिए । उस पर हमारे भारत देश की कानून व्यवस्था कोई कार्य वही क्यों नहीं करती ।



बात हम हमारे पुलिस प्रशासन की करें तो हमारी पुलिस को सभी बातों का पता होता परंतु आज के समय में हमारी भारत सरकार ने महिलाओ को इतने अधिक अधिकार दे दिए हैं उनको ना चाहकर भी महिलाओं की सुननी पड़ती हैं चाहें वह कितनी भी गलत क्यों ना हो। हमारी पुलिस हमेशा हमारा साथ देती हैं मै नमन करता हूं हमारी पुलिस को जो हर आदमी की मजबूरी समझ के उनका साथ देते हैं।

Love at First Sight: A Deep Dive into the Phenomenon



Love at First Sight: A Deep Dive into the Phenomenon







Love is a fascinating and complex emotion that has captivated humans for centuries. While it often takes time to develop, there's a phenomenon that many people believe in: "love at first sight." In this blog post, we'll explore the concept of love at first sight from a psychological perspective, examine its prevalence in popular culture, and discuss whether it's a real phenomenon or simply a romantic notion.

What is Love at First Sight?


Love at first sight is the notion that two individuals can instantly fall in love with each other upon their first encounter. It's often described as an intense and overwhelming feeling of attraction, as if destiny has brought two souls together. But is it a genuine emotional experience, or is it merely a product of our imagination and societal expectations?
The Psychological Perspective:

From a psychological standpoint, love at first sight can be seen as a form of "instant attraction." It's believed to be the result of a complex interplay of factors, including physical attraction, emotional resonance, and the alignment of personal values and interests. However, the true depth of love and lasting compatibility usually requires time and interaction to develop.

The Role of Physical Attraction:


Physical attraction is often the initial spark that draws two people together. When we meet someone who matches our physical preferences, our brains release dopamine, the "feel-good" neurotransmitter. This can lead to an immediate sense of excitement and connection, which some mistake for love.

Love at First Sight in Popular Culture:

Love at first sight is a common theme in literature, films, and music. Iconic romantic tales like "Romeo and Juliet" and "Pride and Prejudice" feature characters who claim to have fallen in love at first sight. This portrayal in popular culture has reinforced the idea that it's a legitimate and desirable experience.

Realistic Expectations:

While love at first sight can be a beautiful and memorable experience, it's important to approach it with realistic expectations. True love is built on trust, understanding, and shared experiences, which often take time to develop. Instant attraction is just the beginning of a potential romantic journey.


Conclusion:

Love at first sight remains a captivating and romantic notion in our culture. While it's true that strong initial attractions can lead to profound connections, true love typically requires time and effort to develop and flourish. Understanding the psychological factors behind instant attraction can help us appreciate the complexity of human emotions and relationships. So, whether you believe in love at first sight or not, it's important to approach romance with an open heart and a realistic perspective.






In conclusion, while love at first sight may not always lead to lasting love, it's a testament to the power of human connection and attraction. Whether it's a fleeting moment of intense chemistry or the beginning of a lifelong partnership, love in all its forms is a beautiful and deeply human experience.

हमारे देश भारत में निरंतर बढ़ती बेरोजगारी (Continuously increasing unemployment in our country India)

 आज के समय में हर मनुष्य अपना जीवन यापन करने के लिए कुछ ना कुछ कार्य करता है चाहें वह किसी सरकारी कार्यालय मैं सरकारी कर्मचारी  हो या फिर किसी किसी भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्यरत हों उसी कार्य से वेतन मिलता है।











 जिससे उसका घर परिवार चलता है परंतु आज के समय मैं हमारे देश में बेरोजगारी का स्तर लगातर बढ़ता जा रहा है जिससे आम आदमी के जीवन की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है।अगर आज के समय की हकीक़त देखें तो हमारे देश में बेरोजगारी की दर दिसंबर, 2022 में बढ़कर 8.3 / के स्तर पर पहुंच गई है. यह 2022 में बेरोजगारी दर का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.अगर श्रम ब्यूरो के आँकड़ों को देखा जाए तो भारत आज विश्व में सबसे अधिक बेरोज़गारों का देश बन जो हमारे लिए बहुत ही बुरी बात है।






अब बात करते हैं हम सरकारी योजनाओं की जो इस समय हमारे देश भारत में चल रही है हमारी भारत सरकार कई माध्यमो के द्वारा जैसे emploment,prd आदि के द्वारा देश में विभिन्न प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा रोज़गार मेले का आयोजन करती हैं जिसमें बहुत से युवाओं को कार्य करने के लिए अवसर प्रदान किया जाता है। 




अगर वास्तविकता देखी जाए तो जब से मोदी सरकार सत्ता मैं आई है हमारी सरकार ने बहुत सारी कंपनियों को बंद किया है जिसमें से कम से कम अगर 200 आदमी भी एक कंपनी से निकले गए हैं तो आप मान के चलो तो हमारे देश में 1000 से जायदा कंपनी होगी जो बंद हो गई है और  जो कंपनिया बची हैं उसमें से भी निरंतर कंपनी से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है अगर एक कंपनी के 200 कर्मचारी भी निकले गए तो 10 कंपनियों के 2000 कर्मचारी इसी तरह से अगर देखा जाए तो आज तक यह संख्या लाखों से ऊपर पहुंच गई है और ना जाने कितने लोग बेरोजगार हुए हैं कुछ कह नहीं सकते ?



इसी तरह  करोना काल के दौरान यूवा बेरोजगार हुए और लगातर होते जा रहे हैं हमारी सरकार बस सरकारी नौकरियां चुनाव के दौरान ही निकलती हैं  बस अपनी पार्टी को सत्ता मैं रखने के लिए ही निकली जाती है । उसमें भी भर्ती के नाम पर घोटाले चलते हैं आज के समय मैं हमारे देश में बेरोजगारी का स्तर 8.3% हैं अगर ऐसा ही हाल रहा तो ये स्तर लगातर बढ़ता ही जायगा।